Vikram Sood का बड़ा बयान : भारत की तरक्की रोकना चाहता है अमेरिकी डीप स्टेट, ट्रंप इसका हिस्सा नहीं
Vikram Sood अमेरिका-भारत रिश्तों पर तीखा बयान
RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने खुलासा किया कि अमेरिका की गुप्त ताकतें यानी “डीप स्टेट” भारत की आर्थिक प्रगति रोकना चाहती हैं।
विक्रम सूद भारत के पूर्व खुफिया अधिकारी हैं। वे भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW/रॉ) के सातवें प्रमुख (Chief) रह चुके हैं। विक्रम सूद एक इंडियन इंजीनियरिंग कॉलेज (IIT Bombay) के पूर्व छात्र हैं और 1971 में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज (IES) के ज़रिए सरकारी सेवा में आए। बाद में उन्होंने RAW जॉइन किया और लगभग 30 साल तक खुफिया सेवा में काम किया। वे 2000 से 2003 तक RAW के चीफ रहे। उनके कार्यकाल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया से जुड़े कई अहम ऑपरेशन हुए।
रिटायरमेंट के बाद भी वे जियोपॉलिटिक्स, सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस से जुड़े मामलों पर लिखते और इंटरव्यू देते रहते हैं।उनकी लिखी किताब “The Unending Game: A Former R&AW Chief’s Insights into Espionage” काफी चर्चित है।
Vikram Sood भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी RAW के पूर्व प्रमुख और रणनीतिक मामलों के विश्लेषक हैं।
ट्रंप की नाराजगी और पाकिस्तान की नज़दीकी
सूद के मुताबिक, अमेरिका-पाकिस्तान संबंध तब गहरे हुए जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान संघर्षविराम का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा – “आप नोबेल पुरस्कार के लायक हैं”।
- अमेरिका को लगता है कि भारत और चीन दोनों बड़ी आर्थिक ताकतें बन रहे हैं।
- अमेरिका पहले ही चीन से सबक ले चुका है और अब भारत को भी उसी नजर से देख रहा है।
- सूद के अनुसार, भारत के राष्ट्रवाद को अमेरिका अक्सर “हिंदू राष्ट्रवाद” बताता है।
डीप स्टेट की असली ताकत
- तुर्किये में पहली बार इस्तेमाल हुआ था “डीप स्टेट” शब्द।
- अब इसमें कॉरपोरेट घराने, सैन्य खुफिया एजेंसियां और हथियार बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं।
- ये पर्दे के पीछे से नीतियां तय करते हैं – चाहे पाकिस्तान हो, इस्राइल हो या भारत।
“डीप स्टेट का हिस्सा नहीं हैं ट्रंप”
सूद ने साफ कहा – डोनाल्ड ट्रंप इस डीप स्टेट का हिस्सा नहीं हैं।
डीप स्टेट असल में वो ताकत है जो व्हाइट हाउस या कांग्रेस से बाहर काम करती है, जिसे वॉल स्ट्रीट और थिंक टैंक नियंत्रित करते हैं।