गरुड़ पुराण में मृत्यु और उसके बाद की प्रक्रियाओं को लेकर विस्तृत वर्णन क्या किया गया है। आइये जानते है मृत्यु के बाद क्या करना है और क्या नहीं..

अंतिम संस्कार के समय या उसके बाद पीछे मुड़कर देखना वर्जित क्यों माना गया है और यदि कोई व्यक्ति भूलवश ऐसा कर ले तो उसे क्या उपाय करना चाहिए।

गरुड़ पुराण के अनुसार: 1. प्रेत आत्मा की छाया पड़ने का भय अंतिम संस्कार के समय मृत आत्मा आस-पास रहती है। अगर कोई व्यक्ति पीछे मुड़कर देखता है, तो वह आत्मा उसके पीछे-पीछे घर तक आ सकती है।

पीछे मुड़कर क्यों नहीं देखना चाहिए?

ऊर्जा और पवित्रता का ह्रास श्मशान भूमि तमोगुणी और अपवित्र ऊर्जा से भरी होती है। पीछे मुड़कर देखने से व्यक्ति की ऊर्जा कमजोर हो सकती है और वह मानसिक या शारीरिक रूप से प्रभावित हो सकता है।

श्रद्धा व विरक्ति का भाव पीछे न देखने का तात्पर्य है कि हम मृत व्यक्ति को ईश्वर को सौंप चुके हैं और अब सांसारिक मोह से मुक्त कर रहे हैं। पीछे देखना उस विरक्ति के भाव को तोड़ता है।

अगर गलती से पीछे मुड़कर देख लें तो क्या करें?

गंगाजल या गोमूत्र से स्नान करें

‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या ‘मृत्युंजय मंत्र’ का जाप करें ये मंत्र आत्मा की शांति और व्यक्ति की सुरक्षा के लिए उपयोगी होते हैं

घर के बाहर जौ या तिल बहाएं ऐसा करने से मृत आत्मा को आगे बढ़ने का संकेत मिलता है और वह पीछे नहीं रुकती।

पितृ दोष निवारण या नारायण बली जैसे कर्म यदि लगातार अशुभ संकेत मिल रहे हों (स्वप्न, बीमारियाँ, क्लेश), तो किसी योग्य ब्राह्मण से पितृ शांति कर्म कराना उचित है।

दीपदान करें पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।