Crakk Review : क्रैक जीतेगा तो जिएगा
Crakk Review : “क्रैक जीतेगा तो जिएगा” फिल्म में शानदार एक्शन सीन्स हैं। फिल्म का शीर्षक और कहानी दोनों समान हैं। यह एक स्पोर्ट्स एक्शन फिल्म है, जहां एक खिलाड़ी की जान चली जाती है और जीतने वाला बचता है।
‘क्रैक जीतेगा तो जिएगा’, अभिनेता से निर्माता बने विद्युत जामवाल की स्पोर्ट्स एक्शन फिल्म है। यह भी कहा जाता है कि हिंदी में स्पोर्ट्स एक्शन पर बनने वाली पहेली फिल्म है। विद्युत जामवाल ने फिल्मों में एक्शन हीरो की जो भूमिका निभाई है, उसी भूमिका को पर्दे पर दोहराते आए हैं। यह निर्माता विद्युत जामवाल की दूसरी फिल्म है। वह पहले ‘IB 71’ फिल्म बना चुके हैं।
निर्माता बनने का उनका लक्ष्य है कि बेहतरीन कहानियों का चुनाव कर सकें। लेकिन वह अपनी फिल्मों में एक्शन को लेकर नए प्रयोग करते रहते हैं। यदि वे अपने किरदार और कहानियों को इसी तरह विकसित करते रहते तो आज वे बड़े सितारों की सूची में शामिल होते।
Crakk Review : “क्रैक जीतेगा तो जिएगा” फिल्म में शानदार एक्शन सीन्स हैं। फिल्म का शीर्षक और कहानी दोनों समान हैं। यह एक स्पोर्ट्स एक्शन फिल्म है, जहां एक खिलाड़ी की जान चली जाती है और जीतने वाला बचता है। फिल्म की कहानी शुरू होती है सिद्धू, यानी सिद्धार्थ दीक्षित, जो एक अंडरग्राउंड एक्सट्रीम खेल प्रतियोगिता में भाग लेना चाहता है। लेकिन उसके माता पिता नहीं चाहते कि वह इस खेल में भाग ले। क्योंकि सिद्धू का बड़ा भाई निहाल इसी प्रतियोगिता में मर गया था।
उस प्रतियोगिता में भाग लेकर पैसे कमाने का सिद्धू का एकमात्र लक्ष्य है। पोलैंड में एक “मैदान” प्रतियोगिता होती है। पोलैंड जाने पर सिद्धू को पता चलता है कि उसके भाई की मौत खेल में नहीं हुई थी, बल्कि एक साजिश से हुई थी।
सारांश में, इस फिल्म की कहानी सिर्फ भाई की हत्या का बदला लेना है। यह बताने की जरूरत नहीं कि इस विषय पर अब तक कई फिल्में बनाई गई हैं। निर्देशक आदित्य दत्त ने फिल्म की कहानी रेहान खान, सरीम मोमिन और मोहिंदर प्रताप सिंह के साथ लिखी है। फिल्म का संवाद और पटकथा बहुत कमजोर हैं। विद्युत जामवाल ने फिल्म में मुंबइया टपोरी बोली है, लेकिन उन्होंने इस शैली को सही से पकड़ नहीं पाया। दर्शकों को पूरी फिल्म में एक्शन ही पसंद आया।
Crakk Review : एक्शन सीन बेहतरीन
Crakk Review : फिल्म में विद्युत जामवाल के कुछ हिंसक सीन देखकर दिल दहल जाता है। इस फिल्म में उनका एक्शन सीन बेहतरीन है। चाहे वह हवाई जहाज पर एक्शन सीन हो या स्थानीय ट्रेन पर खतरनाक ब्रेक हो। विद्युत जामवाल की एकमात्र खूबी है कि वह एक्शन सीन में बहुत अच्छा करते हैं, लेकिन वह अभिनय नहीं करती।
उन्हें बोलते समय उनके चेहरे पर भाव नहीं दिखते। कुछ दृश्यों में वह गुस्से से चिल्लाता हुआ दिखाई देता है, लेकिन दूसरे दृश्यों में वह सिर्फ बनावटी दिखाई देता है। इस फिल्म से पहले, आदित्य दत्त ने विद्युत जामवाल को कमांडो 3 में निर्देशित किया था। फिल्म मुश्किल से अपने खर्चों को कम कर पाई थी। ‘फोर्स’ से लेकर ‘आईबी 71’ तक विद्युत जामवाल की जितनी भी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर आई हैं, वे सभी निराशाजनक रही हैं।
Crakk Review : विद्युत जामवाल ने सिद्धू उर्फ सिद्धार्थ दीक्षित की भूमिका फिल्म ‘क्रैक जीतेगा तो जिएगा’ में निभाई है। उनके बड़े भाई निहाल की भूमिका में अंकित मोहन ने उनसे बेहतर काम किया है। फिल्म में उनके सिर्फ कुछ सीन हैं, लेकिन उनके संवादों में एक-एक शब्द के भाव निखर कर आते हैं। नोरा फतेही ने सिद्धू से प्यार करने वाली एक इन्फ्लुएंसर की भूमिका निभाई है।
Table of Contents
CRAKK MOVIE REVIEW | कितना जलाओगे भाई
Discover more from VR News Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.