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Dehradun: गर्जना के साथ उड़ते हुए एयरफोर्स के विमान हिमाचल की सीमा पर पहुंचे

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Dehradun: भारतीय वायुसेना के विमान अभ्यास कर रहे हैं। यह सभी विमान ३० से ४० हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं।वायु सेवा विमानों की लगातार दूसरे दिन भी देहरादून के आसमान में आवाजाही से आसमान थर्रा गया। भारी गर्जना के साथ वायु सेवा के चार इंजन वाले तीन आईएल 76 विमान जौलीग्रांट के आसमान से मसूरी की ओर आगे बढ़े।

जौलीग्रांट से उत्तरकाशी होते हुए कुछ विमान हिमाचल की सीमा में पहुंचे। वहीं देहरादून की वायु सीमा से कुछ विमान वापस आए। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना के ये विमान अभ्यास कर रहे हैं। इसलिए बहुत से विमान दून से बाहर निकल रहे हैं। यह सभी विमान ३० से ४० हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं। एक सी 30 जे विमान सुबह पौने छह बजे जौलीग्रांट के आसमान से वापस लौटा।

Dehradun: बार-बार काटे हुए चक्कर

बुधवार को भी देहरादून के आसमान में विमान कई बार सुबह से शाम तक भारी गर्जना के साथ घूमता रहा। यह विमान चार इंजन वाला IL-76 मालवाहक था, जो 29 हजार फिट से अधिक की ऊंचाई पर 400 केटीएस की स्पीड से उड़ रहा था।

देहरादून एयरपोर्ट पर आने वाले विमान डोईवाला से आते हैं। जो एयरपोर्ट पर उतरते समय काफी नीचे रहते हैं। लेकिन विमान जौलीग्रांट के आसमान से काफी ऊंचाई पर देहरादून की ओर चला गया।

Dehradun: भारतीय वायुसेना के बारे में

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है, जो देश के लिए महत्वपूर्ण वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, और वायु चौकसी कार्य करती है। इसका उद्घाटन 8 अक्टूबर 1932 को हुआ था। यह 1950 में पूर्ण गणतंत्र बनने से पहले रॉयल इंडियन एयरफोर्स था और 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। 1950 में पूर्ण गणतंत्र बनने के बाद, इसमें से “रॉयल” शब्द हटाकर बस “इंडियन एयरफोर्स” लिखा गया।

आज़ादी के बाद से भारतीय वायुसेना ने चार युद्धों में भाग लिया है: चार पाकिस्तानी और एक चीनी। अब तक इसने कई बड़े मिशनों को पूरा किया है, जैसे विजय—गोवा का अधिग्रहण, मेघदूत, कैक्टस और पुमलाई। ऐसे कई बहसों के अलावा, भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भी सक्रिय है। इन प्रमुख भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त भारतीय वायु सेना के कमांडर हैं।

वायु सेना का नेतृत्व करने वाला चार सितारा कमांडर एयर चीफ मार्शल (ACM) है। भारतीय वायु सेना में कभी भी एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में नहीं होते। 2006 के आंकड़ों के अनुसार, यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है, जिसमें 170,000 जवान और 1,350 लड़ाकू विमान हैं, जिसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है।

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