ECI बिहार में आज बजेगा चुनावी बिगुल — EC करेगा तारीखों का ऐलान, वोट चोरी पर गरमागरम आरोप
ECI “बिहार चुनाव 2025 की तारीखें आज तय होंगी — EC दो फेज़ में मतदान कराएगा। विपक्ष ने मतदाता सूची संशोधन में वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं।”
ECI बिहार में आज चुनावी बिगुल बजेगा — तारीखों का ऐलान और वोट चोरी के आरोप
आज बिहार की राजनीतिक धड़कन बढ़ने वाली है, क्योंकि निर्वाचन आयोग (EC) दोपहर 4 बजे राज्य में विधानसभा चुनाव 2025 की प्रस्तावित तारीखों का ऐलान करेगा।
यह ऐलान इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस बार मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं, और विपक्ष ने “वोट चोरी” (vote chori) के गंभीर आरोप लगाए हैं — अब देखना यह है, EC किस तरह की शांति-पूर्ण और निष्पक्ष प्रक्रिया की रूपरेखा पेश करता है।
प्रस्तावित चुनावी रूपरेखा
– सूत्रों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे: 6 और 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को परिणाम घोषित होंगे।
– विधान सभा की वर्तमान अवधि 22 नवंबर को समाप्त हो रही है, इसलिए चुनाव उसी से पहले संपन्न हो जाना अनिवार्य है।
– चुनावी तैयारियों के तहत EC ने कई सुधारों की घोषणा की है — हर मतदान केंद्र पर अधिकतम 1,200 मतदाता होंगे, और उम्मीदवारों की तस्वीरें अब रंगीन मुद्रण में होंगी।
ECI मतदाता सूची विवाद और “वोट चोरी” के आरोप
चुनाव आयोग ने इस चुनाव से पहले बिहार में Special Intensive Revision (SIR) नामक मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान किया।
लेकिन इस सुधार को लेकर विपक्ष और कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि इस प्रक्रिया में बड़े स्तर पर मतदाता नाम हटाए गए और विशेष रूप से दलित, मुस्लिम और महिलाओं की सूची से बहिष्कृत किया गया।
– कांग्रेस ने कहा कि लगभग 22.7 लाख महिलाओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, और यह कार्रवाई उन क्षेत्रों में केंद्रित है जहां 2020 में मुकाबला करीब हुआ था।
– विपक्ष इसे साजिश कह रहा है — “वोट चोरी” की जड़ इसे माना जा रहा है।
– EC ने इस तरह के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि यह पुनरीक्षण “सूची को शुद्ध करना” है, और किसी भी वैध मतदाता को बाहर नहीं रखा जाएगा।
इस विवाद ने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष इसे राजनीतिक हस्तक्षेप मान रहा है।
आज का ऐलान — क्या रखा जाएगा सामने?
जब EC आज तारीखों का ऐलान करेगा, तो निम्न बिंदुओं पर नियंत्रण रखना उसके लिए चुनौतिपूर्ण होगा:
- पारदर्शिता: मतदाता सूची से हटाए गए नामों की पूरी सूची और कारण सार्वजनिक करना।
- न्यायप्रक्रिया: यदि किसी का नाम गलत हटाया गया हो, उन्हें पुनर्सुधार की व्यवस्था हो।
- निष्पक्ष समय निर्धारण: चुनाव चहुमुखी वातावरण में हो, न कि त्योहारों या आवागमन की आड़ में।
- उपाय और निरीक्षण व्यवस्था: आरोपों को गंभीरता से लेते हुए स्वतंत्र निगरानी सुनिश्चित करना।
बिहार चुनाव 2025 का प्रारंभ आज होगा — तारीखों का ऐलान एक राजनीतिक मोड़ हो सकता है। लेकिन इस ऐलान के साथ ही वोट चोरी के आरोप हत्या करती राजनैतिक आस्था और लोकतंत्र की पवित्रता को चुनौती दे रहे हैं।
अगर चुनाव आयोग निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कार्य करता है, तो लोकशाही की दुनिया इसे एक उदाहरण कहेगी। अगर नहीं — तो यह चुनाव विवादों में घिर जाएगा।
आज का बिगुल सिर्फ चुनावी लड़ाई शुरू करने वाला नहीं, बल्कि यह तय करेगा कि लोकतंत्र के सुमनों को किस दिशा में बढ़ाया जाए — निष्पक्षता की राह पर, या आरोपों और विवादों में उलझे हुए राजनीति की राह पर।
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