Human Trafficking:

Human Trafficking: देवबंद मात्र नहीं..। बच्चे दिल्ली, मुम्बई और बंगलूरु भेजे जाते हैं, वसूली जाती है

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Human Trafficking: शनिवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बच्चों को बताया कि बिहार के अररिया जिले के गांव करहरा में रहने वाला शबे नूर उन्हें विभिन्न मदरसों में भेजता है।
मानव तस्करी की आशंका में शुक्रवार को अयोध्या से बरामद किए गए 99 बच्चों में से कुछ पहले भी सहारनपुर भेजे गए थे, जहां मदरसों में पढ़ाई के नाम पर उनसे काम कराया गया और पीटा गया था। पांच मौलवियों को गिरफ्तार कर पुलिस उनसे पूछताछ करने लगी है।

शनिवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बच्चों को बताया कि बिहार के अररिया जिले के गांव करहरा में रहने वाला शबे नूर उन्हें विभिन्न मदरसों में भेजता है। बच्चे मामू शबे नूर कहते हैं। वह बच्चों को दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, औरंगाबाद, बंगलूरू, आजमगढ़ और सहारनपुर के मदरसों में भी भेजता है। उसे इसके बदले बड़ी रकम मिलती है।

सहारनपुर के दारुल उलूम रफाकिया मदरसा संचालक तौसीफ और दारे अरकम के रिजवान बच्चों को शुक्रवार को अयोध्या से मुक्त कराने के लिए बस से ले जा रहे थे। बस से मिले पांच मौलवियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और बच्चों को लखनऊ के मुमताल शरणगृह में रखा गया है। डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि कुछ बच्चों के माता-पिता अयोध्या पहुंच गए हैं, जबकि कुछ बच्चों के माता-पिता अभी भी आ रहे हैं। बच्चों को उनके आने पर हलफनामा लेकर सौंप दिया जाएगा।

तैयार कराते हैं हलफनामा

मदरसा संचालक एक हलफनामा बनाते हैं, जिसमें लिखा है कि बच्चों को सभी जिम्मेदारी लेनी होगी। ऐसे में संचालक को कोई जिम्मेदारी नहीं होगी अगर कोई मर जाए। अभिभावकों को इसकी जानकारी नहीं है। बच्चों के ही दस्तखत हैं।

Human Trafficking: मदरसे में रहकर कोई डाक्टर नहीं बन सकता।मासूम ने कहा और रोने लगा।

यद्यपि मौलवी कहते हैं कि बच्चों को दीनी शिक्षा के लिए सहारनपुर ले जाया गया था, लेकिन बच्चों की कहानी अलग है। वे मदरसे नहीं जाना चाहते हैं। 14 साल के एक बच्चे ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह सिर्फ धार्मिक चर्चा है। दूसरे बच्चे ने कहा कि उसका सपना डॉक्टर बनना है। मदरस में रहते हुए कोई भला कैसे डाक्टर बन सकता है?

Human Trafficking: प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मदरसा क्यों

बाल आयोग की टीम ने कहा कि अधिकांश बच्चे प्राथमिक स्कूलों में पढ़ते हैं। यह बड़ा सवाल है कि इन बच्चों को मदरसा क्यों भेजा जा रहा है?


मौलवियों से लगातार पूछताछ: एसपी ग्रामीण क्षेत्र

बच्चों के अभिभावक बाल कल्याण समिति के सामने पेश होंगे, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अतुल कुमार सोनकर ने बताया। समिति के अध्यक्ष को उनके बयानों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मौलवियों से पूछा जा रहा है।

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