Indira Tiwari

Indira Tiwari : उस दिन मैं न फाइव स्टार रेस्तरां में जाती और न ही “गंगूबाई काठियावाड़ी” मिलती ।

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Indira Tiwari : 25 फरवरी को नई सदी की सुपरस्टार संजय लीला भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज हुई। आलिया भट्ट के अलावा इस फिल्म में सबसे अधिक चर्चा पाने वाली हीरोइन थी इंदिरा तिवारी, जो अब फिल्म बस्तर द नक्सल स्टोरी की पहली हीरोइन बन चुकी हैं।

इंदिरा ने अपनी उम्र से बड़ी एक मां का किरदार निभाया है जिसके पति की नक्सलियों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान हत्या कर दी और उसके बेटे को वे उठा ले गए. अमरनाथ झा ने इस फिल्म को लिखा और सुदीप्तो सेन ने निर्देशित किया है।

इंदिरा भोपाल के मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं और सिनेमा ने उन्हें बाहें खोलकर स्वीकारा है और अब वे साउथ सिनेमा की ओर भी बढ़ गई हैं। ‘अमर उजाला’ के सलाहकार संपादक पंकज शुक्ल ने इंदिरा से ये खास मुलाकात की।

Indira Tiwari : आपके नाम से शुरू करते हैं, क्या इसके पीछे भी कोई कथा है?

लोगों को लगता होगा कि मेरे घरवालों ने मेरा नाम इंदिरा गांधी की व्यक्तित्व से प्रेरित होकर रखा है, लेकिन ये नाम मेरी मां डॉली तिवारी की उन सहेली का है जिन पर क्रूर हमला हुआ और उन्हें बचाया नहीं जा सका। मेरा नाम मां ने अपनी सहेली की याद में रखा।

Indira Tiwari : मुंबई में अपना पहला दिन याद है?

अब राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से “बालश्री” पुरस्कार मिलने से लेकर “गंगूबाई” के लिए इतनी प्रशंसा और प्रशंसा के बाद, “बस्तर” में प्रमुख भूमिका! आपको मुंबई में अपना पहला दिन याद है?

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में पढ़ाई करने के बाद मुझे कोलकाता में अपनी पहली फिल्म की शूटिंग करने के लिए बुलाया गया। पहली बार मैं मुंबई आई थी । TV देखने के बाद मैंने मुकेश छाबड़ा के यहां अगला ऑडिशन दिया।

बाद में मैं सड़क किनारे एक चाय की दुकान पर बैठ गई क्योंकि मैं वहां बैठे लोगों से असहज था, इसलिए मैं हिम्मत करके सड़क के दूसरी तरफ एक फाइव स्टार रेस्तरां में चली गई। यह एक ईश्वरीय संकेत रहा होगा। मैं वहीं कास्टिंग डायरेक्टर श्रुति महाजन से मिल गइ।

Indira Tiwari : पहले ही दिन सिक्सर..?

कहा जा सकता है। उस दिन मुझे फिल्म “गंगूबाई काठियावाड़ी” नहीं मिलती और मैं हिम्मत करके एक फाइव स्टार रेस्तरां में नहीं जाती | वहीं श्रुति महाजन से मुलाकात हुई। लीला भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी में मेरा नाम उन्होंने बढ़ाया और मैं शॉर्टलिस्ट हुई। इस फिल्म के लिए ही मैं मुंबई आइ और फिर यहीं रह गइ। श्री संजय ने मुझे बहुत कुछ सिखाया।

Indira Tiwari : सीरियस मेन

हां, मैंने उनके साथ अपनी पहली फीचर फिल्म, “सीरियस मेन” में काम किया था, जिसमें मैंने मुंबई आने के पहले दिन कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा को एक पासपोर्ट साइज फोटो भेजा था। ये फिल्म बनने के दौरान एक दिन शूटिंग रुकी, तो मुझे संजय सर से मिलने का अवसर मिला और मेरे अभिनय जीवन में एक नया मोड़ मिल गया, “गंगूबाई काठियावाड़ी”।

मैं मुंबई आयी  हूँ कि जीवन के रंग देखूँ। अभिनय के इस सागर में मेरी छोटी नाव की स्थिरता को देखना है। यह शहर हर योग्य व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा है, लेकिन यहां आकर भटकने से बचना चाहिए। मैं अपनी कला को बेहतर बनाने और उसके बारे में अधिक जानने में समय लगाती हूँ। खाली समय में गीत लिखता हूँ। चित्र बनाया जाता है। मैं उनके इंस्टाग्राम पोस्ट को अपलोड करता हूँ। बस!

मैं फिल्म क्षेत्र में आद शर्मा की सीनियर हूँ। इसलिए मैं हमेशा उनके प्रति सम्मान रखता हूँ। यह उनकी दरियादिली का प्रमाण है कि वे एक नई लड़की के लिए सोशल मीडिया पर कुछ लिखते हैं। हम सीधे, सच्चे और सादे लोग हैं, हमें कपट करना नहीं आता। और ऐसी ही क्रियाएं, नई पीढ़ी को केमिस्ट्री कहते हैं, जब दो जैसे लोग मिलते हैं।

मैंने सुमन मुखोपाध्याय के साथ अपनी पहली फिल्म ‘नजरबंद’ की, जो बुसान फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर हुई। उनसे मैं भावनाओं को नियंत्रित करना सीखा। नेटफ्लिक्स पर मेरी पहली फिल्म, सीरियस मेन, रिलीज हुई। मैंने इसके निर्देशक सुधीर मिश्रा से सीखा कि कैमरे से संवाद बहुत महत्वपूर्ण है, और संजय लीला भंसाली ने बताया कि हर कलाकार की अपनी खासियत होती है और उसे इसे बचाकर रखना चाहिए। कलाकार दूसरों की तरह होने की कोशिश करते हुए अपना स्वयं का स्वरूप खो देता है।

Indira Tiwari : शाहरुख खान से आपने क्या सीखा और वह आपसे कहां मिले?

सिनेमा के बारे में शाहरुख खान ने मुझे जो सिखाया, वह मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण गुरुमंत्र बन गया है। वह मुझे बच्चन सर की दिवाली पार्टी में मिले। उन्होंने मुझे बताया कि एक अभिनेता सिर्फ निर्देशक की हाथ की कठपुतली होता है और मुझे इस शहर की आबोहवा को अपना बनाने की सलाह दी। अभिनय का असली तरीका है निर्देशक के प्रति समर्पित होना। और इसी पार्टी में मुझे मालूम हुआ कि मैं फिल्म “गंगूबाई काठियावाड़ी” की कमली बन गइ हूँ।

Indira Tiwari : उस दिन मैं न फाइव स्टार रेस्तरां में जाती और न ही “गंगूबाई काठियावाड़ी” मिलता।

Bastar Teaser 2 | Adah Sharma | Indira Tiwari | Vipul Amrutlal Shah | Sudipto Sen | 15th Mar 2024