ISCKON Guru: उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभु ने विद्यार्थियों को सफलता का मंत्र दिया। उनका कहना था कि मन को साधना चाहिए। सफलता में यह सबसे बड़ी बाधा है।
उज्जैन में एक विशेष कार्यक्रम में विद्यार्थियों को असफलता को सफलता में बदलने का मंत्र सिखाया गया. वे भी चुनौतीयों पर विजय प्राप्त करने के तरीके सिखाए गए। व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभु (इस्कॉन मंदिर, उज्जैन) ने विद्यार्थियों को सफलता के मंत्र दिए।
व्रजेंद्र कृष्ण दास ने ज्ञान सागर एकेडमी के विद्यार्थियों को बताया कि प्रवेश परीक्षा में असफल होने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय एनआईटी भोपाल तक पहुंच गए। उन्हें अपने जीवन के संघर्षों और सफलताओं से सिखाया गया, और बताया कि उनका अनियंत्रित मन ही उनके लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया था। उन्हें एआईईईई में पहली बार असफलता मिलने के बाद भी हार नहीं मानी और 2004 में एनआईटी भोपाल में प्रवेश लिया। इसके बाद, उन्हें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने उनके कार्यालय से नौकरी दी।
ISCKON Guru: प्रेरक संदेश
ISCKON Guru: प्रभुजी ने विद्यार्थियों को भविष्य में आने वाली चुनौतियों से जीतने की कला सिखाई और कहा कि विफलता स्थायी नहीं होती। दृढ़ संकल्प आपको किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया और मन के बजाए बुद्धि से निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। सीआरपीएफ में काम कर चुके आईएएस कोचिंग संस्थान के निर्देशक विक्रम सिंह ने प्रभुजी को एक विद्यार्थी प्रश्नोत्तर सत्र में व्याख्यान देने का आमंत्रण दिया। इस सत्र में प्रभुजी ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर दिया और उनसे चर्चा की।
Table of Contents
ISCKON Guru: इस्कॉन के व्रजेंद्र कृष्ण दास ने विद्यार्थियों को मन को साधने की कला सिखाई और सफलता का मंत्र दिया।
Why Krishna is attractive to all ?||Srila Prabhupada || Śrīmad-Bhāgavatam 7.6.2
Discover more from VR News Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.