Kurukshetra: नमस्कार। अंबाला जिले के हेमामाजरा गांव में मारकंडा नदी के बांध की मरम्मत नहीं हुई है, जिससे पिछले साल की तरह इस बार भी इस गांव और शाहाबाद पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। लोगों में अभी से चिंता दिखाई देने लगी है क्योंकि अधिकारी आचार संहिता का हवाला दे रहे हैं। बाढ़ के एक साल बाद भी अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है।
लोगों का मानना है कि अधिकारी कभी-कभी जमीन अधिग्रहण और कभी-कभी अन्य रुकावटों का हवाला देकर चिल्ला रहे हैं। फरवरी में किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में हुई ग्राम सभा की बैठक में सहमति व्यक्त की थी, लेकिन अधिकारी आज तक आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हैं।
Kurukshetra: 2023 में जुलाई में आई बाढ़ से जुड़े किसान अश्विंदर सिंह ने बताया कि फरवरी में ग्रामसभा में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के सामने इस प्रकल्प का लगभग पूरा मसौदा बनाया गया था। उस समय अधिकारियों ने उन्हें 15 दिन, या गेहूं की कटाई के बाद, निविदा होने के उपरांत बांध बनाने के लिए कहा था, लेकिन आज तक सवा दो महीने बीत जाने के बाद भी काम शुरू नहीं किया गया है।
अधिकारी अभी भी आचार संहिता का हवाला देकर बांध को अक्तूबर से नवंबर तक बनाने की बात कह रहे हैं। किसानों अश्विंदर सिंह, बलविंदर सिंह और मानसिंह ने बताया कि बांध बनाने के लिए किसान जमीन देने के लिए आना-कानी कर रहे हैं, जो झूठ है। किसानों ने सिंचाई विभाग को जमीन देने का भी वादा किया है।
Kurukshetra: कार्रवाई आचार संहिता के बाद शुरू होगी: अभियंता
बांध के लिए एलाइनमेंट पास कर ली गई है, लेकिन आदर्श आचार संहिता के चलते प्रक्रिया रुक गई है, सिंचाई विभाग अंबाला के कार्यकारी अभियंता कृष्ण बुक्कल ने बताया। नियमानुसार, आचार संहिता खत्म होने पर किसानों से जमीन खरीदने के बाद पोर्टल पर निविदा लगाई जाएगी।
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Kurukshetra: शाहाबाद पर बाढ़ का खतरा, क्योंकि मारकंडा नदी के बांध की मरम्मत नहीं की गई
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