Nepal to France जनता बनाम सरकार की नीतियाँ, सड़कों पर उफान!
Nepal to France तक गूंजा विरोध का बिगुल: फ्रांस में हाल ही में शुरू हुए “Block Everything” आंदोलन—और सरकार के ख़िलाफ़ बढ़ते विरोध के कारण, प्रदर्शन के स्वरूप और उनकी उग्रता का सार प्रस्तुत है:
Nepal to France नेपाल में अभी सरकार के खिलाफ़ बबाल रुका ही नहीं वही दूसरी और सरकार के खिलाफ फ़्रांस में प्रदर्शनो की शुरुआत हो गई।
क्यों शुरू हुए ये प्रदर्शन?
- कड़े मौद्रिक एवं बजट कटौती उपाय
- प्रदर्शन की नींव प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बैरू द्वारा प्रस्तावित €43–44 बिलियन की सार्वजनिक व्यय कटौती पर टिकी है। इसमें दो राष्ट्रीय अवकाशों को हटाना, पेंशन फ्रीज, और स्वास्थ्य सेवाओं पर कटौती जैसे विवादास्पद प्रस्ताव शामिल थे।
- जनता में बढ़ते असंतोष और आर्थिक असमानता के कारण ये विरोध और तेज़ हुए—लोगों का आरोप है कि मौजूदा नीतियाँ सिर्फ राजनीतिक व आर्थिक प्रतिष्ठान के पक्ष में हैं।
- राजनीतिक अस्थिरता और गवर्नमेंट संकट
- बैरू की सरकार को विश्वास प्रस्ताव के दौरान गिरा दिया गया, जिसके बाद राष्ट्रपति मैक्रॉन ने सर्बेस्टियन लेकर्नू को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह फ्रांस का लगातार चौथा प्रधानमंत्री बदलाव है—महज एक साल के भीतर।
- इस राजनीतिक उथल-पुथल ने जनता में और जल्द असर की संभावना जताई।
- ऑनलाइन जड़ें और व्यापक समर्थन
- “Block Everything” आंदोलन शुरू में सोशल मीडिया पर शुरू हुआ, लेकिन राइट विंग सर्कल्स से निकलकर अब इसमें लेफ्ट, फार लेफ्ट, और यूनियनों का भी समर्थन शामिल हो गया है।
- प्रदर्शनों में “Yellow Vest” आन्दोलन की गूंज देखने को मिल रही है—स्थानीय, केंद्रित नेतृत्व की बजाय व्यापक स्तर पर जनता की प्रतिक्रिया दिख रही है।

कितने उग्र हुए प्रदर्शन?
- एमनेसिटी अफ France द्वारा रिपोर्ट किए गए गिरफ्तारियों की संख्या: लगभग 200–250 लोग गिरफ्तार हुए।हरी-जलती और शहरों में आगजनी, जैसे की रेन में एक बस में आग, रिपोर्ट किए गए।
- रिन्स और अन्य जगहों पर पुलिस की पिटाई, कर्लोस्टोन फेंकना, कचरा बिन और टायर जलाना जैसे हिंसक घटनाएँ हुईं।
- सरकार ने 80,000 सुरक्षा बलों (जिसमें से 6,000 पेरिस में) तैनात किए।
- कुछ रिपोर्टों में प्रदर्शनकारियों की संख्या लगभग 100,000 बताई गई है, हालांकि यह संख्या सटीक पुष्टि नहीं (अपराधिक या शांतिपूर्ण) देती।
कौन कर रहा है प्रदर्शनों की अगुवाई?
इन प्रदर्शनों की अगुवाई ‘द सिटीजन कलेक्टिव’ नाम के संगठन की तरफ से की जा रही है, जिसमें करीब 20 आयोजनकर्ता जुड़े हैं। फ्रांस के अखबार ला परिसियन के मुताबिक, यह संगठन अपने आप को राजनीतिक दलों और अन्य व्यापार संगठनों से स्वतंत्र बताता है। सिटिजन कलेक्टिव के सोशल मीडिया हैंडल्स पर लोग #10septembre2025 and #10septembre जैसे हैशटैग के साथ पोस्ट्स भी कर रहे हैं।
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