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OPS : प्रधानमंत्री क्या कर्मचारी संगठनों से बातचीत करेंगे हड़ताल शुरू होने से पहले?

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OPS : एफआरओपीएस ने 10 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में कहा कि कर्मचारियों को लगता है कि सरकार एनपीएस को खत्म करेगी और सीसीएस (पेंशन) नियम 1972 (अब 2021) के तहत गारंटीकृत पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करेगी।

29 फरवरी को, ज्वाइंट फोरम फॉर रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (JFROPS) और नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) के कन्वीनर शिव गोपाल मिश्रा और को-कन्वीनर डॉ. एम. राघवैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। यह बताता है कि केंद्रीय और राज्य सरकारों के कर्मचारियों ने ओपीएस की बहाली की मांग को लेकर एक मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। कर्मचारियों को पुरानी गारंटीकृत पेंशन ही चाहिए। सरकार, अनिश्चित योजना ‘एनपीएस’ को समाप्त करे। जेएफआरओपीएस ने 10 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में कहा कि कर्मचारियों को विश्वास है कि सरकार एनपीएस को खत्म करेगा और सीसीएस (पेंशन) नियम 1972 (अब 2021) के तहत गारंटीकृत पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करेगा। JFROPS ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने का समय मांगा है।

OPS : NPS का मॉडल पूरी दुनिया में असफल रहा है ?

एनजेसीए के कन्वीनर शिव गोपाल मिश्रा और को-कन्वीनर डॉ. एम. राघवैया ने कहा कि जेएफआरओपीएस के बैनर तले केंद्रीय और राज्य सरकारों के कई कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इनमें रेलवे, पोस्टल, इनकम टैक्स, अकाउंट्स, ऑडिट और कई अन्य विभाग शामिल हैं। इनके अलावा, राज्य सरकारों के कर्मचारी संघों और शिक्षक संघों ने भी पुरानी पेंशनों को वापस लेने के खिलाफ व्यापक आंदोलन में भाग लिया है। इन सभी संगठनों की एक ही मांग है कि एनपीएस और ओपीएस देश भर में फिर से शुरू हों। 2003 में सरकार ने एनपीएस का मॉडल बनाया था, लेकिन यह पूरी दुनिया में असफल हो गया है। कर्मचारियों से कहा जाता है कि वे देश सेवा में ईमानदारी से योगदान दें, ताकि उनके बुढ़ापे को मार्केट के जोखिम पर न छोड़ा जाए। जिन कर्मचारियों ने 35 से 40 साल तक सरकार और देश की सेवा में बिताए हैं, उन्हें रिटायरमेंट के बाद कष्ट नहीं उठाना चाहिए। वे भी सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार रखते हैं।

OPS : एनपीएस में मासिक दो से चार हजार रुपये की पेंशन

केंद्र सरकार से कई बार मांग की गई है कि देश में ओपीएस को फिर से शुरू किया जाए, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ने दो बार केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा है। NPS की कमियों को वित्त सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी को बताया गया है। कमिटी ने गारंटीकृत ओपीएस को देश में लागू करने का आह्वान किया है।

अभी तक कर्मचारी संगठन कमेटी की सिफारिशों से अनजान हैं। NPS कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद लगभग दो-चार हजार रुपये की मासिक पेंशन मिलती है। महंगाई राहत भी इस पर नहीं मिलती। देश में कोई भी आपदा हो, सरकारी कर्मचारियों ने दो कदम आगे बढ़कर काम किया है। सरकारी कर्मचारियों ने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया है, चाहे वह कारगिल की लड़ाई हो या कोरोना काल हो। इसके बावजूद, केंद्रीय सरकार ने कर्मचारियों की सुरक्षा पर विचार नहीं किया। OPSC के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) के बैनर तले 10 अगस्त को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में सरकारी कर्मचारियों की बड़ी रैली हुई। उस रैली में ढाई लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे।

OPS :अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए तैयार

इसके बाद देश के दो सबसे बड़े कर्मचारी संगठन, रेलवे और सिविल रक्षा ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सहमति दी है। स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मचारियों में से 96 फीसदी ओपीएस लागू नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार हैं। इसके अलावा, चार लाख सिविल रक्षा कर्मियों में से 97 फीसदी हड़ताल पर हैं। 20 और 21 नवंबर को स्ट्राइक बैलेट के माध्यम से 400 रक्षा इकाइयों, 7349 रेलवे स्टेशनों, मंडल और जोनल दफ्तरों, 42 रेलवे वर्कशॉपों और सात रेलवे उत्पादन इकाइयों पर वोट डाला गया था। केंद्रीय कर्मचारी संगठनों और राज्यों की एसोसिएशनों ने भी ओपीएस का मुद्दा उठाया है। अब नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) ने फैसला किया है कि एक मई से देश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। सेना और रक्षा उद्योग बंद हो जाएंगे, साथ ही केंद्रीय और राज्य सरकारों के विभागों में काम नहीं होगा। 19 मार्च को केंद्र सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस मिलेगा। क्षेत्रीय कर्मचारी संगठन भी अपनी-अपनी प्रशासनिक इकाइयों को हड़ताल की सूचना देंगे।

OPS :सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी पेंशन को कही थी ये बात

AIDF के महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया कि NPS में महंगाई राहत का भी कोई प्रावधान नहीं है। पुरानी पेंशन व्यवस्था में काम करने वाले कर्मचारियों को महंगाई राहत मिलती है। एनपीएस में सामाजिक सुरक्षा भी नहीं थी। सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद जानबूझकर परेशान किया जाता है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बीडी चंद्रचूड, जस्टिस बीडी तुलजापुरकर, जस्टिस ओ. चिन्नप्पा रेड्डी और जस्टिस बहारुल इस्लाम शामिल थे, ने रिट पिटीशन संख्या 5939 से 5941, डीएस नाकरा एवं अन्य बनाम भारत गणराज्य के संबंध में 17 दिसंबर 1981 को दिए गए प्रसिद्ध निर्णय का उल्लेख करना चाहिए। इसके पैरा 31 में बताया गया है कि चर्चा से तीन बातें निकलती हैं। एक, पेंशन न तो एक पुरस्कार है न ही नियोक्ता की इच्छा पर निर्भर है। 1972 के नियमों, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के खंड ’50’ के माध्यम से अधिनियमित करते हैं, इसलिए यह वैधानिक निहित अधिकार है। पेंशन पूर्व सेवा का भुगतान है, नहीं अनुग्रह राशि। यह एक सामाजिक कल्याणकारी उपाय है जो उन लोगों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय प्रदान करता है जो अपने जीवन के अंतिम वर्षों में अपने नियोक्ता के इस वादा पर लगातार कड़ी मेहनत की है कि उन्हें बुढ़ापे में ठोकरें खाने के लिए नहीं छोड़ दिया जाएगा।

OPS : प्रधानमंत्री क्या कर्मचारी संगठनों से बातचीत करेंगे हड़ताल शुरू होने से पहले?

Old Pension Scheme : पुरानी पेंशन नहीं तो होगी हड़ताल | PM Modi | Congress। OPS