Paris Olympics: मैच में शूटिंग करने से पहले, वह अपने आपको बताती है कि अगर पदक मिलता है तो वह खुश हो जाएगी। वह मानसिक रूप से पुरस्कार को स्वीकार करने को तैयार रहती हैं, यदि पुरस्कार नहीं मिला भी।
10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने के बाद मनु भाकर सोमवार को पूरी तरह से बदल गया। मिश्रित स्पर्धा के एक अतिरिक्त पदक पर उनका पूरा ध्यान था। पेरिस से मनु ने अमर उजाला से कहा कि मैं कल तक पदक से बहुत खुश था, आज भी खुश हूँ, लेकिन मैं सामान्य हूँ। उन्हें अभी दो और मुकाबले हैं, इसलिए कोई बदलाव नहीं दिखता। इन्हीं स्पर्धाओं पर उनका सारा ध्यान है।
मिश्रित प्रतियोगिता की क्वालिफाइंग में कुछ समस्याएं हुईं। यह बेहतर हो सकता था, लेकिन वह मंगलवार को होने वाले फाइनल पर ध्यान देना चाहती है। क्वालिफाइंग खत्म होने के कुछ देर बाद ही वह कोच जसपाल राणा के साथ फिर से तैयारियों में जुट गईं।
Paris Olympics: खुद का सर्वश्रेष्ठ
Manu में मिश्रित विरोध नए नहीं हैं। क्वालिफाइंग दौर में उनके और सौरभ के नाम दोनों ओलंपिक और विश्व रिकॉर्ड हैं। मिश्रित स्पर्धा में सहयोग की कोई खास आवश्यकता नहीं पड़ती, मनु कहता है। यहां आप अपने खुद के खेल खेल सकते हैं। उनकी और उनके सहयोगियों की कोशिश यही रहती है कि वे सबसे अच्छा दें, जिससे टीम का अच्छा स्कोर हो।
Paris Olympics: तैयार हो जाती है
गीता और आध्यात्मिकता का सहारा लेने वाली मनु कहती है कि वह शूटिंग करते समय बहुत कुछ नहीं सोचती। मैच में शूटिंग करने से पहले, वह अपने आपको बताती है कि अगर पदक मिलता है तो वह खुश हो जाएगी। वह मानसिक रूप से पुरस्कार को स्वीकार करने को तैयार रहती हैं, यदि पुरस्कार नहीं मिला भी।
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Paris Olympics: पदक मुकाबले की तैयारियों में जुटीं मनु ने कहा, “अब अगली दो स्पर्धाओं पर सारा ध्यान लगा रहा हूँ।”
Paris Olympics 2024: ‘ जब 10 लाख में इकलौती मनु की पिस्टल हुई ख़राब..’ | Manu Bhaker Olympics Story
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