School: शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वह इस बार स्कूल में बच्चों का दाखिला बढ़ाने के लिए लोगों से बातचीत करेंगे। पंचायत से भी कोशिश करेंगे।
पंजाब राज्य के बठिंडा जिले में एक विशिष्ट सरकारी स्कूल है। बुध सिंह वाला गांव में ये स्कूल हैं। इस स्कूल में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन बच्चों की कमी है। इस सरकारी स्कूल में केवल दो बच्चे हैं। स्कूल में एक शिक्षक नियुक्त किया गया है। इस स्कूल में पिछले वर्ष सिर्फ एक बच्चा था। इस बार यह दो है। इस स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक कोई विद्यार्थी नहीं है। प्री-प्राइमरी में सिर्फ दो बच्चे हैं। स्कूल की शिक्षिका सरबजीत कौर ने कहा कि इस स्कूल में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन कम जनसंख्या है और निजी स्कूलों में चलते बच्चे एडमिशन नहीं ले रहे हैं।
School: पिछले साल केवल एक बच्चा था।
यह स्कूल बठिंडा के गांव बुध सिंह वाला में है, जहां सरकारी स्कूलों को संसाधनों की कमी नहीं बल्कि बच्चों की कमी से जूझना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों का चलन बढ़ने और कम आबादी के कारण सरकारी स्कूलों में बच्चे कम हो रहे हैं। सरबजीत कौर, एक सरकारी शिक्षक, ने बताया कि उनकी नियुक्ति पिछले साल इस स्कूल में हुई थी। इस स्कूल में उस समय केवल एक बच्चा था।
School: स्कूल में उपलब्ध हर सुविधा
जब उनसे पूछा गया कि इस स्कूल में बच्चे क्यों नहीं आते, तो उन्होंने कहा कि गांव में बहुत कम लोग रहते हैं। दूसरा, सभी बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। नर्सरी प्री-प्राइमरी स्कूल में अभी केवल दो बच्चे हैं। इस स्कूल में सभी सुविधाएं हैं जो दूसरे स्कूलों में हैं। बच्चे फिर भी नहीं आ रहे हैं। उनका कहना था कि स्कूल में प्रोजेक्टर, लाइब्रेरी और बेंच हैं, लेकिन बच्चे वहाँ पढ़ने नहीं आ रहे हैं। यह स्थिति एक गंभीर प्रश्न पैदा करती है कि आखिर लोगों का सरकारी स्कूलों की ओर झुकाव क्यों कम हो रहा है?
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