Shefali Jariwala Death : आज “युवा दिखना- बढ़ती उम्र को रोकना” ट्रेंड है, आइए जानते है एक्सपर्ट्स क्या कहते है “एंटी‑एजिंग ट्रीटमेंट”
- कुछ दिनों पहले एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई
- शेफाली एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स भी ले रही थीं
- एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट डॉक्टर की निगरानी में करवाना जरूरी है
Shefali Jariwala Death : क्या हुआ था?
- पुलिस और परिवार के बयानों के अनुसार, शेफाली ने 27 जून को उपवास पर रहते हुए विटामिन C व ग्लूटाथियोन जैसे एंटी‑एजिंग इंजेक्शन/IV ड्रिप लिया, इसके कुछ ही समय बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया।
- शुरुआती अनुमान है कि लो ब्लड प्रेशर या कार्डियक अरेस्ट इसका संभावित कारण हो सकता है, पर पोस्ट‑मॉर्टम रिपोर्ट अभी अंतिम नहीं।
⚠️ Shefali Jariwala Death : एक्सपर्ट्स की चेतावनियाँ
- ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट
- ग्लूटाथियोन और विटामिन C, खासकर जब उपवास पर लिए जाएँ, तो ब्लड वेसल्स को फैलाकर खून का दबाव अचानक गिरने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
- उपवास की वजह से शरीर में पानी या मिनरल की कमी हो सकती है; ऐसे में ये ड्रिप्स और इंजेक्शन फिग स्तरों को और बिगाड़ सकते हैं, जिससे खून की आपूर्ति में रुकावट या दिल की धड़कन में गड़बड़ी होने की संभावना रहती है।
- यकृत, गुर्दे और अन्य अंगों पर असर
- उच्च खुराक या बार‑बार उपयोग से ये लिवर, किडनी और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे गंभीर जटिलताएँ जैसे ऐरेस्थेमिया या कार्डियक अरेस्ट हो सकते हैं।
- हार्मोनल थेरेपी का जोखिम
- यदि हार्मोन या स्टेरॉयड आधारित थेरेपी भी ली गई हो, तो इससे दिल पर और दबाव बढ़ता है—हालाँकि अभी तक ऐसी पुष्टि नहीं मिली है।
👩⚕️ Shefali Jariwala Death : डॉक्टर्स क्या सुझाव देते हैं?
- मेडिकल सुपरविज़न ज़रूरी है — विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि ये ड्रिप्स और इंजेक्शंस केवल पंजीकृत डॉक्टर की देख‑रेख में सुरक्षित हैं।
- विशेषकर अगर आप उपवास पर हों, पहले से कोई बीमारी हो या हार्ट की समस्या हो, तो इन चीजों का सेवन बेहद सावधानी से करना चाहिए।
Shefali Jariwala Death

अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई कि एंटी‑एजिंग ट्रीटमेंट स्पष्ट कारण था या केवल एक संभावित जोखिम।
- हालिया घटनाओं से स्पष्ट हुआ है कि:
- लो ब्लड प्रेशर और ब्लड वेसल डाइलेशन मुख्य चिंताएँ हैं,
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और साँस-धड़कन संबंधी जटिलताएँ भी हो सकती हैं,
- पोस्ट‑मॉर्टम रिपोर्ट आने तक कोई भी निष्कर्ष अंतिम नहीं।
✅ क्या करें अगर आप ये सोच रहे हैं?
सलाह | विवरण |
---|---|
✅ डॉक्टरी सलाह लें | पंजीकृत डॉक्टर से अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जांच कराएं |
✅ खुराक व टाइमिंग | खाने के साथ या उसके बाद ही कोई ड्रिप/इंजेक्शन लें |
✅ नियमित जांच | ब्लड प्रेशर, इलेक्ट्रोलाइट स्तर और अंगों की कार्यक्षमता जांचते रहें |
Shefali Jariwala Death : “एंटी‑एजिंग ट्रीटमेंट” का ट्रेंड आजकल इतना ज़्यादा क्यों है
इसके पीछे कई बड़े कारण हैं—जिनमें सोशल मीडिया, सेलेब्रिटी कल्चर और व्यक्तिगत आत्म-छवि की चिंता (self-image anxiety) प्रमुख हैं। नीचे इस ट्रेंड की गहराई से पड़ताल करते हैं:
एंटी‑एजिंग ट्रीटमेंट क्या है?
ये वे प्रक्रियाएँ होती हैं जो उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने या रोकने का दावा करती हैं—जैसे झुर्रियाँ, ढीली त्वचा, दाग-धब्बे, बाल झड़ना आदि।

मुख्य ट्रीटमेंट्स:
- Botox, Fillers (होंठ, गाल)
- Glutathione IV, Vitamin C Drips (त्वचा गोरी व चमकदार बनाने के लिए)
- Chemical Peels, Laser Skin Tightening
- Hormonal Replacement Therapy (HRT)
- Stem Cell Therapy, PRP (Plasma Therapy)
🔥 ट्रेंड में क्यों है?
1. 💄 सेलेब्रिटी और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर्स
- फिल्म, फैशन और सोशल मीडिया की दुनिया में हर कोई “perfect skin & young look” दिखाना चाहता है।
- सेलेब्स खुलकर बोटॉक्स, स्किन लिफ्ट, ग्लूटाथियोन का प्रचार कर रहे हैं।
2. 📸 फिल्टर कल्चर और Body Dysmorphia
- सोशल मीडिया फिल्टर से नकली सुंदरता का मानक बन गया है—लोग वास्तविक लुक से असंतुष्ट हो रहे हैं।
3. 🧠 “Ageless” और “Forever Young” की साइकोलॉजी
- लोग अब उम्र को छिपाना चाहते हैं, और बुढ़ापा अब सामाजिक असुरक्षा बनता जा रहा है।
4. 💰 कॉस्मेटिक इंडस्ट्री का करोड़ों का बाज़ार
- भारत में ही एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट इंडस्ट्री की वैल्यू ₹12,000 करोड़ से ऊपर है और तेजी से बढ़ रही है।
- ये इंडस्ट्री डर बेचती है: “अगर तुमने स्किन पर ध्यान नहीं दिया तो तुम बूढ़े लगने लगोगे।”
5. 🕊️ तेज़ जीवनशैली, तनाव और नींद की कमी
- थकान, प्रदूषण, और poor lifestyle से स्किन जल्दी डल हो जाती है, जिससे लोग short-cuts की ओर भागते हैं।
⚠️ समस्या कहाँ है?
जोखिम | विवरण |
---|---|
❌ वैज्ञानिक पुष्टि नहीं | कई ट्रीटमेंट्स के प्रभावों पर पर्याप्त रिसर्च नहीं |
❌ साइड-इफेक्ट्स | हार्मोनल गड़बड़ी, त्वचा की एलर्जी, हार्ट पर असर |
❌ असंतुलित जानकारी | सोशल मीडिया पर सिर्फ “before-after” तस्वीरें, कोई ईमानदार जोखिम नहीं बताया जाता |
❌ Addiction जैसा व्यवहार | एक बार शुरू करने के बाद लोग बार-बार ट्रीटमेंट लेते हैं – ये मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर करता है |
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