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Tibetan Buddhist Institution: दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होगा, आज यह एक राजनीतिक विवाद का मुद्दा है #राजनीतिकविद्रोही #उत्तराधिकारी #बौद्धपरंपरा

Tibetan Buddhist Institution

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Tibetan Buddhist Institution : दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होगा, आज यह एक राजनीतिक विवाद का मुद्दा है

दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होगा, यह न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण सवाल है, बल्कि आज यह एक राजनीतिक विवाद का मुद्दा भी बन चुका है — खासकर चीन, भारत और अमेरिका जैसे देशों की भूमिका को लेकर। आइए इसे विस्तार से समझते हैंTibetan Buddhist Institution:

Tibetan Buddhist Institution : दलाई लामा की परंपरागत उत्तराधिकारी चयन प्रक्रिया क्या है?

  1. पुनर्जन्म की मान्यता (Reincarnation):
    • तिब्बती बौद्ध परंपरा में यह माना जाता है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी उनका पुनर्जन्म होगा।
    • दलाई लामा की मृत्यु के बाद तिब्बती भिक्षु संकेतों, दृष्टांतों, दिव्य स्वप्नों आदि के आधार पर एक बच्चे की पहचान करते हैं।
  2. “गदेन फोडरंग” संस्था की भूमिका:
    • यह संस्था दलाई लामा की धर्म-राजनीतिक विरासत संभालती है।
    • यही संस्था उत्तराधिकारी की खोज और पुष्टि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  3. “गोल्डन अर्न (Golden Urn)” विवाद:
    • चीन इस पद्धति को महत्व देता है, जिसमें एक लॉटरी सिस्टम से लामा का चयन किया जाता है।
    • लेकिन दलाई लामा और तिब्बती लोग इसे “राजनीतिक हस्तक्षेप” मानते हैं।

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Tibetan Buddhist Institution : चीन की आपत्ति और रणनीति क्या है?

  1. चीन की स्थिति:
    • चीन दलाई लामा को एक “राजनीतिक विद्रोही” मानता है।
    • वह दलाई लामा की सत्ता को मान्यता नहीं देता, बल्कि उसे अपने अधीन लाना चाहता है।
  2. चीन का दावा:
    • चीन कहता है कि अगला दलाई लामा उसी के नियंत्रण में तिब्बत में जन्म लेगा और उसका चयन चीनी शासन के तहत होगा।
  3. “धार्मिक मामलों पर राज्य नियंत्रण”:
    • चीन के कानून के अनुसार सभी धार्मिक पुनर्जन्मों की मान्यता तभी होगी जब वह सरकारी स्वीकृति से हो।

Tibetan Buddhist Institution : भारत की भूमिका क्या है?

  1. दलाई लामा का निवास:
    • 1959 में जब दलाई लामा चीन से भागे, तो भारत ने उन्हें शरण दी।
    • वह वर्तमान में धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में रहते हैं, और तिब्बती निर्वासित सरकार भी यहीं है।
  2. भारत की रणनीति:
    • भारत ने आधिकारिक रूप से तिब्बत को चीन का हिस्सा माना है, लेकिन दलाई लामा को सांस्कृतिक नेता के तौर पर सम्मान देता है।
    • भारत के लिए यह मसला चीन के साथ सामरिक तनाव, विशेषकर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

अमेरिका की भूमिका और दृष्टिकोण

  1. अमेरिकी नीति:
    • अमेरिका दलाई लामा के धार्मिक अधिकारों का समर्थन करता है और “तिब्बत नीति एवं समर्थन अधिनियम 2020” पारित कर चुका है।
  2. इस कानून के तहत:
    • अमेरिका ने स्पष्ट कहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन केवल तिब्बती बौद्धों द्वारा किया जाना चाहिए, न कि चीन द्वारा
    • यदि चीन इसमें हस्तक्षेप करता है तो अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है।

दलाई लामा ने खुद क्या कहा है?


संघर्ष का केंद्रबिंदु

मुद्दाचीन का रुखतिब्बती/दलाई लामा का रुखभारत-अमेरिका की भूमिका
चयन प्रक्रियासरकारी अनुमति से, गोल्डन अर्न सेपुनर्जन्म आधारित पारंपरिक खोजतिब्बती धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन
उत्तराधिकारी का स्थानचीन के अधीन तिब्बतकहीं भी हो सकता है (भारत भी)अमेरिका इसे चीन से अलग देखता है
राजनीतिधार्मिक नियंत्रण और वैचारिक प्रभुत्वधार्मिक और सांस्कृतिक संरक्षणरणनीतिक और मानवाधिकार हित

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