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Trump Tariff Shock: भारत पर अमेरिका ने थोपा 50% टैरिफ, रूस से तेल खरीद पर लगेगा 25% अतिरिक्त शुल्क

Trump Tariff Shock

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Trump Tariff Shock: भारत पर अमेरिका ने थोपा 50% टैरिफ, रूस से तेल खरीद पर लगेगा 25% अतिरिक्त शुल्क

Trump Tariff Shock: 6 अगस्त 2025
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और 2024 में दोबारा राष्ट्रपति पद पर काबिज़ हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर आर्थिक दबाव बढ़ाते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है। ट्रम्प प्रशासन ने घोषणा की है कि भारत से होने वाले प्रमुख निर्यातों पर अब 50% तक टैरिफ लगेगा। इसके साथ ही, रूस से आयात किए गए तेल पर भारत को 25% अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। यह फैसला दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में तनाव और अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक समीकरणों को और जटिल बना सकता है।

क्या है टैरिफ का नया आदेश?

ट्रम्प प्रशासन की नई नीति के तहत:

Trump Tariff Shock ट्रम्प ने क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रम्प ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

Trump Tariff Shock

भारत हमारा मित्र है, लेकिन व्यापार में संतुलन नहीं है। हम ‘America First’ के तहत अपने उद्योगों को सुरक्षा देंगे। रूस से तेल खरीदकर भारत हमें ऊंचे दाम पर उत्पाद बेचता है, अब ऐसा नहीं चलेगा।”

Trump Tariff Shock इसका असर भारत पर कैसे पड़ेगा?

🔻 1. भारतीय एक्सपोर्टर्स पर सीधा असर:

2. तेल व्यापार पर दबाव:


Trump Tariff Shock भारत की प्रतिक्रिया:

भारत सरकार ने औपचारिक बयान जारी करते हुए कहा:

“यह फैसला एकतरफा है और WTO के नियमों का उल्लंघन करता है। भारत अपने हितों की रक्षा के लिए सभी विकल्पों पर विचार करेगा।”

सूत्रों के अनुसार, भारत टैरिफ रिव्यू के लिए WTO में केस दायर कर सकता है और कूटनीतिक स्तर पर अमेरिका से पुनः चर्चा की पहल करेगा।

Trump Tariff Shock इस फैसले के पीछे की राजनीति:

🔹 ट्रम्प की “अमेरिका फर्स्ट” नीति की वापसी

🔹 रूस से भारत की नजदीकी पर अमेरिका की नाराजगी

संभावित नुकसान के आंकड़े (अनुमानित):

क्षेत्रसंभावित नुकसान
टेक्सटाइल निर्यात$2-3 अरब प्रति वर्ष
दवा उद्योग$1.5 अरब
रिफाइंड फ्यूल निर्यात$4-5 अरब
कुल आर्थिक असर$10 अरब+

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

वाणिज्य विशेषज्ञ प्रो. अरुण शर्मा का कहना है:

“यह महज़ आर्थिक नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक दबाव है। भारत को अपने कूटनीतिक कार्ड सावधानी से खेलने होंगे।”

ऊर्जा विश्लेषक मीनाक्षी रावत कहती हैं:

“तेल के व्यापार में बाधा डालकर अमेरिका भारत की रूस नीति को प्रभावित करना चाहता है। इससे ऊर्जा सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।”

आगे क्या हो सकता है?

ट्रम्प का यह फैसला भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में एक नया मोड़ ला सकता है। यह देखा जाना बाकी है कि भारत इस आर्थिक दबाव का जवाब कैसे देता है

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