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सावन अमावस्या 2025 (Sawan Amavasya) कब है, कौन मनता है? आइये जानते है इसका महत्व…

Sawan Amavasya

Sawan Amavasya

सावन अमावस्या 2025 (Sawan Amavasya) कब है, कौन मनता है? आइये जानते है इसका महत्व… आइये जानते है इसका महत्व… सावन अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की अमावस्या तिथि होती है। यह तिथि धार्मिक, पौराणिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, विशेषकर पितरों, देवी-देवताओं, तथा प्रकृति पूजा के संदर्भ में।

सावन अमावस्या 2025 में कब है?

तिथि: 24 जुलाई 2025 (गुरुवार)
अमावस्या आरंभ: 23 जुलाई को रात 09:23 बजे
अमावस्या समाप्त: 24 जुलाई को रात 11:58 बजे तक


Sawan Amavasya का महत्व

🔹 1. पितृ तर्पण और श्राद्ध:

🔹 2. पीपल, तुलसी, और नदी पूजा:

🔹 3. शिव पूजा:


कौन से राज्य मनता है Sawan Amavasya को?

✔️ उत्तर भारत:

उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में पितृ तर्पण और शिव पूजा का विशेष महत्त्व है।

✔️ पश्चिम भारत:

राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में इसे “हरियाली अमावस्या” या “श्रावण अमावस्या” के रूप में भी मनाया जाता है।

✔️ दक्षिण भारत:

कर्नाटक, आंध्र, तमिलनाडु में इसे देव पूजा, नदी स्नान और तर्पण से जोड़ा जाता है।


Sawan Amavasya इस दिन क्या करें? (उपाय)


सावन अमावस्या न केवल पूर्वजों को श्रद्धा देने का अवसर है, बल्कि यह धार्मिक शुद्धिकरण, पापों से मुक्ति और आत्मिक शांति का विशेष दिन भी है।

Sawan Amavasya

सावन अमावस्या स्नान-दान के शुभ मुहूर्त :

क्रियाशुभ समय
स्नान-दान का पुण्य काल24 जुलाई सुबह 05:15 बजे से 08:45 बजे तक
तर्पण / पिंडदानसूर्योदय से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक श्रेष्ठ
शिव पूजन / रुद्राभिषेकप्रातःकाल 06:00 से 09:00 तक उत्तम

महत्वपूर्ण अनुशंसाएँ:


📿 मंत्र सुझाव:

ॐ पितृदेव्यै नमः (तर्पण के समय)
ॐ नमः शिवाय (शिव पूजन के समय)



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