Loksabha Winter session में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लगातार चौथे दिन हंगामा, 18-12-2023 ३३ सांसद सस्पेंड

Loksabha Winter session में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लगातार चौथे दिन हंगामा, 18-12-2023 ३३ सांसद सस्पेंड

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Loksabha Winter session – आज 18 दिसंबर, संसद के शीतकालीन सत्र का 11वां दिन है। लोकसभा में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। खराब व्यवहार के कारण आज ३३ सांसद सस्पेंड किया गया। विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी भी इसमें शामिल हैं।

14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसदों को निलंबित किया गया था। अब तक, पूरे शीतकालीन सत्र ( Loksabha Winter session )के लिए ४४ सांसद निलंबित हो चुके हैं।

18-12-2023 Loksabha Winter session लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही सत्रह मिनट भाषण दिया। यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना पर राजनीति होती है। सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई क्योंकि हंगामा बढ़ा। बाद में यह दो बजे तक स्थगित कर दिया गया, फिर कल तक।

Loksabha Winter session की कार्यवाही 12 बजे शुरू हुई। राजेंद्र अग्रवाल आसंदी पर थे। इस बीच, मीडिया मिनिस्टर अश्विनी ने मीडिया बिल 2023 प्रस्तुत किया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने फिर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं। विपक्षी सांसदों ने स्थान पर बैठने को कहा। सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई क्योंकि वे नहीं माने।

Loksabha Winter session में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लगातार चौथे दिन हंगामा, 18-12-2023 ३३ सांसद सस्पेंड
Loksabha Winter session में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लगातार चौथे दिन हंगामा, 18-12-2023 ३३ सांसद सस्पेंड

Loksabha Winter session में घुसपैठ मुद्दा राज्यसभा में भी चर्चा का विषय था। सदन को पहले 11.30 बजे तक स्थगित कर दिया गया था। जब कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और गृहमंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की। बाद में कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई।

INDIA गठबंधन के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा है। उसने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को सस्पेंशन से छुटकारा देना चाहिए। ऐसा करना संसदीय नियमों को तोड़ता है। 14 दिसंबर को डेरेक सहित 14 सांसदों (13 लोकसभा और एक राज्यसभा) को पूरे सत्र से बाहर कर दिया गया।

सदन में नारेबाजी और तख्तियां लाना अनुचित है— स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर एक उच्चस्तरीय जांच चल रही है। मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। पहले भी ऐसी घटनाएं हुईं थीं, तब जांच प्रक्रिया केवल पूर्व स्पीकरों के द्वारा चलती थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना को राजनीतिक रूप से उठाया जा रहा है। सदन में चर्चा केवल लोकतांत्रिक ढांचे में होनी चाहिए।

सदन में नारेबाजी करना, तख्तियां लाना, विरोध प्रदर्शन करते हुए वेल में आना या आसंदी के पास आना अनुचित है। इस व्यवहार को देशवासी भी पसंद नहीं करते। सुरक्षा में चूक का मामला लोकसभा सांसदों की सस्पेंडिंग से नहीं जुड़ा है।

15 दिसंबर की पिछली कार्यवाही में सुरक्षा मुद्दे पर बहस हुई, जिसके कारण दोनों सदनों को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। विरोधी पक्ष इस विषय पर गृहमंत्री से उत्तर चाहते हैं। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर बहस से भागने का आरोप लगाया है।

रविवार 17 दिसंबर को प्रेस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में घुसपैठ को चिंताजनक बताया। मोदी ने कहा कि बहस की जांच नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि सभी विपक्षी सांसद गृह मंत्री से पूछना चाहते हैं कि 13 दिसंबर को क्या हुआ था और कैसे हुआ था। PM मोदी इस बहस से बच रहे हैं। मैसुरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा, जिन्होंने घुसपैठियों को संसद में घुसने में मदद की, उनकी भूमिका पर सवाल उठते रहेंगे।

14 दिसंबर, गुरुवार को, निलंबित सांसदों ने प्रदर्शन करते हुए संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर दिनभर हंगामा किया। पूरे सत्र के लिए लोकसभा और राज्यसभा से 14 विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया था। इनमें 13 सांसद थे, जिसमें 9 कांग्रेस, 2 CPI (M), 2 DMK और 1 CPI थे। TMC सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को पूरे सत्र के लिए बाहर कर दिया गया। 15 दिसंबर को, इन निलंबित सांसदों ने सदन के बाहर गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। उनका दावा था कि दोनों सदनों में विरोधी पक्ष की आवाज दबा दी जा रही है।

Loksabha Winter session के पिछले दौरान हुए कार्यों का विवरण..।

पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदन में पराजय का गुस्सा न निकालें: 4 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ। NDA के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा में जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष से कहा कि सदन में बाहर मिली पराजय का गुस्सा मत निकालिए।

दूसरे दिन, डीएमके नेता ने गोमूत्र राज्यों को लेकर दिए गए बयान पर विवाद पैदा कर दिया और माफी मांगी: 5 दिसंबर को, गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल प्रस्तुत किया। चर्चा के दौरान धर्मपुरी से DMK सांसद डॉ. सेंथिल कुमार ने कहा कि हिंदी बेल्ट के गोमूत्र राज्यों को जीतने में भाजपा की ताकत है। यह बयान हंगामे के बाद रिकॉर्ड से हटा दिया गया।

तीसरे दिन, Loksabha Winter session में अमित शाह ने नेहरू की चिट्ठी पढ़ी: 6 दिसंबर, तीसरे दिन, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) और जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल लोकसभा में पास हुए। सदन में अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू को कोट किया। गृहमंत्री ने कहा कि नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को लिखा था कि यूएन में कश्मीर मुद्दा ले जाना गलत था।”

चौथे दिन: भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने अपनी क्षमा मांगी; राज्यसभा में धनखड़ ने शोक व्यक्त किया: 7 दिसंबर, चौथे दिन, सेंट्रल यूनिवर्सिटी अमेंडमेंट बिल 2023 लोकसभा में पास हुआ। भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी ने इस बीच संसदीय समिति से माफी मांगी थी। बिधूड़ी ने विशेष सत्र के दौरान सपा सांसद दानिश अली पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने वायरल वीडियो पर शोक व्यक्त किया।

पांचवें दिन: TMC सांसद महुआ मोइत्रा का लोकसभा से निष्कासन: संसद के पांचवें दिन, महुआ मोइत्रा पर पहले एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट और फिर निष्कासन प्रस्ताव पेश किया गया। वोटिंग के बाद महुआ की सदस्यता रद्द हो गई।महुआ के खिलाफ सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने हार मान ली थी।

तीसरे दिन, राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन संशोधन बिल पारित किया: गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 को राज्यसभा में पेश किया। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने 370 हटाने की याचिकाओं पर फैसला सुनाया, जिस पर विपक्ष ने दोनों सदनों में हंगामा किया। विधानसभा से बाहर चला गया। इसके बाद बिलों पर वोटिंग हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों बिल राज्यसभा से भी पारित हो गए।

सातवें दिन: राज्यसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और सेवा शर्तों का बिल पारित किया: राज्यसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों (EC) की नियुक्ति से संबंधित एक बिल पारित किया। यह बिल कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने प्रस्तुत किया था। 1991 के चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और कामकाज का संचालन) अधिनियम ने इसे बदल दिया।

आठवां दिन: २२वें संसद हमले की बरसी पर सुरक्षा चूक हुई, दो लोग विजिटर्स गैलरी से लोकसभा में कूदे: संसद पर आतंकी हमले की दूसरी बरसी पर, दो युवा अचानक विजिटर्स गैलरी से नीचे कूद गए। उन्हें सदन में स्प्रे करने से धुआं फैलने लगा। दो महिलाओं सहित पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। Loksabha Winter session अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जांच की आज्ञा दी है।

Loksabha Winter session
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नौवें दिन: पूरे सत्र के लिए 13 लोकसभा और 1 राज्यसभा सांसद सस्पेंड: विपक्ष ने दोनों सदनों में संसद की सुरक्षा में चूक का मुद्दा उठाया। इससे Loksabha Winter session से 14 विपक्षी सांसदों और राज्यसभा से एक सांसद पूरे सत्र के लिए बाहर कर दिया गया। विपक्ष ने बाद में कहा कि DMK सांसद एसआर पार्थिबन संसद नहीं आए थे। फिर भी उन्हें निकाला गया। पार्थिबन का नाम इसके बाद सस्पेंड किए गए सांसदों की सूची से वापस लिया गया।

Loksabha Winter session से 13वें दिन, दोनों सदनों में कामकाज ठप रहा: 15 दिसंबर, सत्र के 10वें दिन, संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर दोनों सदनों में कामकाज ठप रहा। विपक्षी पार्टियों ने लगातार दूसरे दिन राज्यसभा और Loksabha Winter session में हंगामा किया। विपक्ष ने सदन में गृहमंत्री अमित शाह से बयान और इस्तीफा की मांग की।

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