Vantara को सुप्रीम कोर्ट से राहत – SIT की रिपोर्ट में मिली क्लीन चिट
Vantara को सुप्रीम कोर्ट की बनाई विशेष जांच टीम यानी SIT से क्लीन चिट मिल गई है। अदालत की बेंच ने कहा कि वन्यजीवों को वहां रखने में कोई खामी नहीं पाई गई। दरअसल, 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने हाथियों की खरीद को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए SIT गठित करने का आदेश दिया था। याचिका में सोशल मीडिया पर किए गए दावों का हवाला दिया गया था।
SIT ने अपनी जांच में पाया कि वनतारा में वन्यजीवों की देखभाल और रखरखाव में किसी तरह की अनियमितता नहीं है। अदालत ने रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कहा कि आरोपों में दम नहीं पाया गया।
सुप्रीम कोर्ट से जहां वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर को मिली है बड़ी राहत। जामनगर स्थित वनतारा को सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वनतारा में जानवरों की खरीद-बिक्री पूरी तरह नियमों के तहत हुई है। अदालत की जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने साफ किया कि विशेष जांच दल—SIT की रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। अदालत ने दो टूक कहा—अब इस मामले को बार-बार उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
याद दिला दें, सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए SIT गठित करने का आदेश दिया था। इनमें से एक याचिका कोल्हापुर के जैन मठ से हथिनी ‘माधुरी’ को वनतारा शिफ्ट किए जाने के विवाद के बाद दाखिल की गई थी।
4 सदस्यीय SIT का नेतृत्व पूर्व जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने किया। इसमें जस्टिस राघवेंद्र चौहान, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले और कस्टम्स अधिकारी अनिश गुप्ता शामिल थे। टीम ने 12 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी। अदालत ने समिति की सराहना की और कहा कि उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा।
Vantara की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में दलील दी कि रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए, ताकि मीडिया उसका गलत नैरेटिव न बना सके। कोर्ट ने उनकी इस दलील को स्वीकार कर लिया और साफ कहा—रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी।
SIT ने पाँच अहम पहलुओं पर जांच की—हाथियों और अन्य वन्यजीवों की खरीद-बिक्री, पशु कल्याण और देखभाल, निजी संग्रह बनाने के आरोप, वित्तीय अनुपालन और विदेशी व्यापार से जुड़े पहलू। इन सभी में कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
हथिनी माधुरी को लेकर यह विवाद 2023 से चल रहा है। 32 साल से कोल्हापुर के जैन मठ में रह रही माधुरी को बॉम्बे हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उसके स्वास्थ्य और देखभाल को ध्यान में रखते हुए जामनगर स्थित वनतारा शिफ्ट करने का आदेश दिया था। हालांकि, इसके खिलाफ धार्मिक भावनाओं और परंपराओं के आधार पर विरोध भी हुआ।
“फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वनतारा को राहत मिल गई है। अदालत ने साफ कर दिया है कि SIT की स्वतंत्र जांच पर उसे पूरा भरोसा है और अब इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।”
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